सुन्दरकाण्ड PDF | Sunderkand PDF Download In Hindi फ्री

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सुंदरकांड रामचरितमानस के सात कांडों में से एक कांड है। इसमें हनुमान जी द्वारा सीता की खोज और राक्षसों के संहार का वर्णन किया गया है। यह कांड सबसे सुंदर और प्रभावशाली माना जाता है, इसलिए इसका नाम सुंदरकांड रखा गया है।

सुंदरकांड की शुरुआत हनुमान जी के लंका प्रस्थान से होती है। वह समुद्र को लांघकर लंका पहुंचते हैं और सीता जी को खोजते हैं। अशोक वाटिका में सीता जी से मिलकर वह उन्हें श्री राम का संदेश देते हैं और उन्हें वापस ले जाने का वचन देते हैं।

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इसके बाद हनुमान जी लंका में ही रहकर राक्षसों का संहार करना शुरू कर देते हैं। वह लंका को आग लगा देते हैं और रावण के पुत्र मेघनाद का वध करते हैं। अंत में वह सीता जी को यह विश्वास दिलाकर कि श्री राम जल्द ही उन्हें लेने आएंगे, वापस लौट आते हैं।

सुन्दरकाण्ड PDF | Sunderkand PDF Download In Hindi फ्री

सुंदरकांड में भक्ति, शक्ति और विजय की गाथा है। यह कांड हमें सिखाता है कि कठिन से कठिन परिस्थिति में भी हमें हार नहीं माननी चाहिए और अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए।

सुंदरकांड का पाठ करने से कई लाभ होते हैं। माना जाता है कि सुंदरकांड के पाठ से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों की रक्षा करते हैं। सुंदरकांड के पाठ से साहस, आत्मविश्वास और बुद्धि की वृद्धि होती है। साथ ही, सुंदरकांड के पाठ से सभी प्रकार के शारीरिक और मानसिक रोगों से मुक्ति मिलती है।

सुंदरकांड का पाठ मंगलवार या शनिवार के दिन करना सबसे अच्छा माना जाता है। पाठ करने से पहले स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करें और हनुमान जी की पूजा करें। पाठ करते समय मन को एकाग्र रखें और हनुमान जी के ध्यान में रहें। पाठ के बाद हनुमान जी को प्रसाद अर्पित करें और उनकी आरती करें।

सुंदरकांड | Sunderkand PDF

दोहा

श्री रामचरितमानस के सात कांडों में से पांचवां कांड सुंदरकांड है। इस कांड में हनुमानजी द्वारा लंका में किए गए भव्य कार्यों का वर्णन है। सुंदरकांड के पाठ से हनुमानजी की कृपा प्राप्त होती है और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

चौपाई

सुंदरकांड आरंभ

श्री रामचन्द्रजी के वनवास के दौरान, जब वे अपनी पत्नी सीता और छोटे भाई लक्ष्मण के साथ लंका के राजा रावण द्वारा अपहृत सीता की खोज में थे, तो वे दक्षिण भारत के एक जंगल में पहुंचे। वहां, उन्होंने एक ऋषि से सीता के बारे में पूछा। ऋषि ने उन्हें बताया कि सीता लंका में कैद है।

हनुमानजी की लीला

श्री रामचन्द्रजी ने हनुमानजी से सीता की खोज करने का आग्रह किया। हनुमानजी ने तुरंत उनकी आज्ञा का पालन किया और लंका की ओर प्रस्थान किया। रास्ते में, उन्होंने कई बाधाओं का सामना किया, लेकिन उन्होंने उन सभी को पार कर लिया।

सीता से भेंट

अंत में, हनुमानजी लंका पहुंचे। उन्होंने सीता को खोजा और उन्हें श्री रामचन्द्रजी की ओर से संदेश दिया। सीता ने हनुमानजी को श्री रामचन्द्रजी के प्रति अपनी निष्ठा व्यक्त की।

रावण से युद्ध

हनुमानजी ने लंका में लूटपाट की और रावण की सेना के कई योद्धाओं को मार डाला। इससे रावण क्रोधित हो गया और उसने हनुमानजी से युद्ध किया। हनुमानजी ने रावण को हरा दिया और उसे लंका से बाहर निकाल दिया।

लंका दहन

हनुमानजी ने सीता के लिए एक अमर फल लाया। जब वे लौट रहे थे, तो उन्होंने लंका में आग लगा दी। इससे रावण का पूरा महल जलकर खाक हो गया।

सुंदरकांड समाप्त

हनुमानजी ने सीता को श्री रामचन्द्रजी के पास ले जाया। श्री रामचन्द्रजी ने हनुमानजी की वीरता की प्रशंसा की और उन्हें वरदान दिया।

सुंदरकांड के लाभ

सुंदरकांड के पाठ से कई लाभ होते हैं। इनमें से कुछ लाभ निम्नलिखित हैं:

  • हनुमानजी की कृपा प्राप्त होती है।
  • मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
  • दुख, कष्ट और परेशानियां दूर होती हैं।
  • जीवन में सुख और समृद्धि आती है।

सुंदरकांड का पाठ कैसे करें

सुंदरकांड का पाठ करने से पहले, निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें:

  • स्नान करके और स्वच्छ कपड़े पहनकर पाठ करें।
  • एकांत स्थान में बैठकर पाठ करें।
  • एकाग्रचित होकर पाठ करें।
  • पाठ के दौरान किसी से बात न करें।

सुंदरकांड का पाठ करने के लिए, आप किसी विद्वान ब्राह्मण से आशीर्वाद ले सकते हैं। आप किसी मंदिर में भी सुंदरकांड का पाठ कर सकते हैं।

सुंदरकांड के पाठ के नियम

सुंदरकांड का पाठ करने के कुछ नियम निम्नलिखित हैं:

  • सुंदरकांड का पाठ हमेशा एक ही समय पर करें।
  • यदि आप किसी दिन पाठ नहीं कर पाएं, तो अगले दिन पूरा पाठ करें।
  • सुंदरकांड का पाठ किसी भी दिन किया जा सकता है, लेकिन विशेष रूप से शनिवार और रविवार को इसका पाठ करना शुभ माना जाता है।

सुंदरकांड के पाठ के लिए मंत्र

सुंदरकांड का पाठ करने के लिए निम्नलिखित मंत्र का जाप करें:

ऊँ श्री राम जय राम जय जय राम।

सुंदरकांड का पाठ का महत्व

सुंदरकांड हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण ग्रंथों में से एक है। यह एक महान साहित्यिक कृति भी है। सुंदरकांड के पाठ से हनुमानजी की कृपा प्राप्त होती है और मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

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Conclusion 

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